हनुमान वडवानल स्तोत्र (Hanuman Vadvanal Stotra) भगवान हनुमान जी की महिमा का अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र विशेष रूप से बुरी नजर, नकारात्मक शक्तियों, ग्रह बाधा, रोग और शत्रु नाश के लिए प्रभावी माना जाता है।
जिस तरह हनुमान चालीसा के पाठ से हर संकट दूर होते हैं, वैसे ही वडवानल स्तोत्र का नित्य पाठ जीवन में सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है। यह स्तोत्र अग्नि के समान प्रचंड और दुश्मनों के लिए विनाशकारी माना जाता है।
हनुमान वडवानल स्तोत्र का महत्व
🔥 “वडवानल” का अर्थ है समुद्र को सुखाने वाली अग्नि। हनुमान जी को इस अग्नि का स्वरूप माना जाता है, जो किसी भी संकट, बाधा, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा को जलाकर भस्म कर सकता है।
🚩 यह स्तोत्र इतना प्रभावशाली है कि इसका नियमित पाठ करने से
✔ बुरी नजर से बचाव होता है।
✔ रोगों और मानसिक अशांति से मुक्ति मिलती है।
✔ शत्रुओं और कानूनी मामलों में जीत प्राप्त होती है।
✔ ग्रह बाधा और कुंडली दोष दूर होते हैं।
✔ व्यापार, नौकरी और धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करने के नियम
✅ स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
✅ शुद्ध मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ पाठ करें।
✅ हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
✅ लाल आसन पर बैठकर पाठ करें।
✅ मंगलवार या शनिवार को शुरू करना विशेष शुभ माना जाता है।
✅ अगर किसी खास बाधा के लिए कर रहे हैं तो 21, 51 या 108 बार पाठ करें।
हनुमान वडवानल स्तोत्र (अर्थ सहित)
श्रीगणेशाय नमः
अस्य श्रीहनुमान् वडवानलस्तोत्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीहनुमान् देवता।
🔥 ॐ नमो भगवते महाहनुमते प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।।
👉 हे महाबली हनुमान जी! आपको नमन है, जो अपार शक्ति के स्वामी हैं, जिनका पराक्रम प्रकट रूप में है, और जिनकी आभा करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी है। आप श्रीराम के दूत हैं, आपको मेरा प्रणाम!
🌟 अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्॥
👉 आप अतुलनीय बल के धाम हैं, सोने के पर्वत के समान चमकते हैं, दुष्टों के लिए अग्नि के समान प्रचंड हैं, और ज्ञानियों में अग्रणी हैं।
🔥 सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
👉 आप सभी गुणों के भंडार हैं, वानरों के स्वामी हैं, श्रीराम के प्रिय भक्त हैं और पवनपुत्र हैं। मैं आपको नमन करता हूँ।
🌟 मनोजवं मारुततुल्यवेगं
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥
👉 जो मन की गति से भी तेज हैं, वायु के समान वेगवान हैं, जिन्होंने अपनी इंद्रियों को वश में कर रखा है और जो अत्यंत बुद्धिमान हैं।
🔥 वातात्मजं वानरयूथमुख्यं
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
👉 जो पवनपुत्र हैं, वानरों में श्रेष्ठ हैं, श्रीराम के दूत हैं, मैं उनकी शरण में जाता हूँ।
(यह स्तोत्र विस्तार से 11 श्लोकों में आता है, जिसका पाठ करने से हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।)
हनुमान वडवानल स्तोत्र के लाभ
✅ बुरी नजर और टोटकों से रक्षा: जिन लोगों को बार-बार बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा या जादू-टोने का सामना करना पड़ता है, उनके लिए यह स्तोत्र ढाल की तरह काम करता है।
✅ कर्ज से मुक्ति: आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों को इस स्तोत्र का 21 दिन तक पाठ करना चाहिए।
✅ शत्रु नाशक: कोर्ट-कचहरी, बिजनेस कॉम्पिटीशन, ऑफिस पॉलिटिक्स या दुश्मनों से परेशान लोग इसका पाठ करके विजय प्राप्त कर सकते हैं।
✅ ग्रह बाधा निवारण: यदि कुंडली में शनि, राहु, केतु या मंगल दोष है, तो हनुमान वडवानल स्तोत्र से यह दोष कम होते हैं।
✅ स्वास्थ्य में सुधार: जिन लोगों को chronic diseases, anxiety या mental stress होता है, उन्हें प्रतिदिन पाठ करने से लाभ मिलता है।
कौन कर सकता है यह पाठ?
💪 जो व्यक्ति शक्ति और आत्मविश्वास चाहते हैं।
💰 जिन्हें धन, व्यापार और नौकरी में बाधाएं आ रही हैं।
🛡 जिन्हें शत्रु बाधा, कानूनी समस्याएं या पारिवारिक कलह से मुक्ति चाहिए।
🚀 जो लोग अपनी स्पिरिचुअल ग्रोथ और साधना को मजबूत करना चाहते हैं।
निष्कर्ष
हनुमान वडवानल स्तोत्र एक अत्यंत चमत्कारी और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो व्यक्ति के जीवन से हर संकट, बाधा और नकारात्मकता को नष्ट कर देता है। अगर इसे पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार किया जाए, तो इसका असर तुरंत दिखने लगता है।
“जो कोई इस स्तोत्र का नित्य पाठ करेगा, उसे जीवन में कोई भय नहीं रहेगा।”
🚩 जय श्री राम! जय बजरंगबली! 🚩