मकर संक्रांति, हिन्दी कैलेंडर के अनुसार हिन्दू समुदाय में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हर साल 14 जनवरी को सम्पन्न होता है और इसे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन सूर्य उत्तरायणी होता है, जिससे दिन का समय बढ़ता है और हमारे जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बनता है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि मकर संक्रांति के दिन कैसे कुछ विशेष क्रियाएं करके हम अपने भाग्य को चमका सकते हैं।
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सूर्य पूजन: मकर संक्रांति का मुख्य त्योहार सूर्य को समर्पित है, इसलिए इस दिन सूर्य पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। सूर्य को आराधना करके हम नए आरंभों के लिए ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं और भाग्य में चमक पा सकते हैं।
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दान का महत्व: इस दिन दान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। धर्मिक और सामाजिक दानों के माध्यम से हम अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता दिखा सकते हैं और अन्यों की मदद करके पुण्य कमा सकते हैं, जिससे भाग्य में सुधार हो सकता है।
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उत्तरायणी गंगा स्नान: अनेक स्थानों पर मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का आयोजन किया जाता है। उत्तरायणी गंगा स्नान करने से व्यक्ति को आत्मा और शरीर का शुद्धिकरण होता है, जिससे भाग्य में सुधार हो सकता है।
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विशेष भोजन: इस दिन विशेष प्रकार के भोजन का आयोजन करना भी शुभ होता है। तिल, गुड़, मक्के का रोटी, खिचड़ी, और खीर जैसे भोजन को बनाकर आप परंपरागत रूप से उत्तर भारत में मना सकते हैं, जिससे सेहत और भाग्य दोनों में सुधार हो सकता है।
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आकाशगंगा के दर्शन: कुछ स्थानों पर मकर संक्रांति के दिन आकाशगंगा के दर्शन का आयोजन किया जाता है, जिससे व्यक्ति को आत्मिक और मानसिक शुक्रित मिलती है और उसका भाग्य चमकता है।
मकर संक्रांति एक ऐसा अवसर है जिसमें हम आत्मा को और आसमानी ऊर्जा को एकत्र करके नए उत्तरायण के लिए तैयारी कर सकते हैं। उपरोक्त उपायों का पालन करके हम अपने भाग्य को चमका सकते हैं और नए आरंभों की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है। मकर संक्रांति पर तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है।
इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें।
पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा।
अर्घ्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें।
अपने सामने बाजोट (पटिए) पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद सूर्यदेव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं।
पूजा में लाल फूल का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें
मंत्र- ऊं भास्कराय नम:
कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें|
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