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वसंत पंचमी का पर्व

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Written by Mayavi Guruji

वसंत पंचमी का पर्व भगवान विष्णु और सरस्वती जी की आराधना का पावन दिवस है। प्रातः काल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर धूप दीप, नैवेद्य व लाल रोली से दोनों की पूजा अर्चना की जानी चाहिए परंतु इससे पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य होना चाहिए। पीले व मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए। वाणी ,शिक्षा एवं अन्य कलाओं की अधिष्ठात्री देवी मां की आराधना छात्रों को अवश्य करनी चाहिए। इस दिन सरस्वती सिद्ध करके मंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करनी चाहिए। कण्ठ में सरस्वती को स्थापित किया जाता है। स्वर, संगीत, ललित कलाओं, गायन वादन,लेखन यदि इस दिन आरंभ किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य मिलती है

कौन सा करें पाठ या मंत्र ?
– यह मंत्र कमजोर विद्यार्थी या उनके अभिभावक भी मां सरस्वती के चित्र को सम्मुख रख के 5 या 11 माला कर सकते हैं।
ओम् ऐं सरस्वत्यै नमः

-वाक सिद्धि हेतु इस मंत्र जाप करें-
ओम हृीं ऐं हृीं ओम सरस्वत्यै नमः

– आत्म ज्ञान प्राप्ति के लिए
ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्!!

– रोजगार प्राप्ति व प्रोमोशन के लिए
ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा

-परीक्षा में सफलता के लिए आज से ही इस मंत्र का जाप मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख करते रहें।
ओम् एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:!
सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रों विनायकः !!

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