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2 मुखी रुद्राक्ष पहनने से होते है ये लाभ

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Written by Mayavi Guruji

 

  1. शिव-शक्ति के संयोजन में सहायक: दो मुखी रुद्राक्ष का पहनना शिव और शक्ति के संयोजन में सहायक हो सकता है। इसमें एक मुख शिव को और एक मुख शक्ति को प्रतिष्ठित करता है, जिससे व्यक्ति को शिव-शक्ति के एकीकृत अनुभव में मदद मिलती है।

  2. आध्यात्मिक विकास: यह रुद्राक्ष व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकता है, क्योंकि इसका पहनना व्यक्ति को अपनी आत्मा के साथ जुड़ने का अनुभव करने में सहायक होता है।

  3. मानसिक स्थिति में सुधार: दो मुखी रुद्राक्ष का पहनना मानसिक स्थिति में सुधार कर सकता है, क्योंकि यह चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है और शांति की भावना प्रदान करता है।

  4. भूतपूर्व और भविष्य की सुरक्षा: इस रुद्राक्ष का पहनना व्यक्ति को भूतपूर्व और भविष्य की सुरक्षा में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें शिव की शक्ति और कवच की भावना होती है।

  5. विवाहित जीवन में सुख: दो मुखी रुद्राक्ष को पहनने से विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव हो सकता है, क्योंकि इसे शिव-शक्ति के संयोजन का प्रतीक माना जाता है।

 

धार्मिक एवं आध्यात्मिक साहित्य में रुद्राक्ष को महत्वपूर्ण स्थान मिलता है, और इसके विभिन्न मुखों में विभिन्न शक्तियां मानी जाती हैं। दो मुखी रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार का होता है, जिसमें दो मुख होते हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि दो मुखी रुद्राक्ष को पहनने से कैसे आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक लाभ हो सकता है।

दो मुखी रुद्राक्ष आसानी से उपलब्ध हो जाता है। 2 मुखी रुद्राक्ष चपटे आकार का या कहा जाये तो बादाम जैसे आकार का होता है, इस पर 2 धारियां होती है, एक धारी को गौरी और दूसरी धारी को शंकर का स्वरुप माना जाता है

दो मुखी रुद्राक्ष का संबंध चंद्र से है। चंद्र से सम्बंधित समस्त दोषों के निवारण के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।

इस ग्रह की अशुभ दशा में जातक को गंभीर शारीरिक रोगों का सामना करना पड़ता है।

मुख्य रूप से गुर्दे और आंख के रोग होते हैं। पारिवारिक संबंधों की मधुरता भी जाती रहती है।

दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से उक्त प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं, समस्त प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती है ,धन-धान्य की वृद्धि होती है, द्विसपनोँ का नाश होता है, गहरी नींद आती है।

जिसके फलस्वरूप एकाग्रता बढ़ती है, मन स्थिर होता है और मानसिक शांति प्राप्त होकर आध्यात्मिक उन्नति होती है।

अगर चंद्रमा और शुक्र अपनी दशा में बुरे प्रभाव दे रहे हैं तो, दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से इन ग्रहों के बुरे एवं दुष्प्रभाव दूर होते हैं। इन ग्रहों की मारक दशा में दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कष्टों का निवारण होता है।

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं और किसी भी तरह की चोट लगना एक्सीडेंट होने से भी बचाव होता है।

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सुख, शांति ,धन लाभ, घर, मकान, संपत्ति, शिक्षा, ज्ञान एव मोक्ष प्रदान करता है।
दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला जातक समाज द्वारा पसंद किया जाता है, उसे संपन्ता प्राप्त होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

ठंडक, खांसी, खिन्नता, बाई आंख, मानसिक कष्ट, हृदय, फेफड़े, गुर्दा, खून व जल संबंधित रोग, मासिक धर्म, आदि रोगों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने पर सहायक होता है।

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