एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करनेवाला व्यक्ति सदाचार का पालन करनेवाला होना चाहिए।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था होनी चाहिए।
मांस-मदीरा या अन्य नशे की वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
रविवार, सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करना शुभ होता है।
रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें।
प्रातःकाल में सूर्य को ताम्बे के लोटे से जल चढ़ाएँ।रुद्राक्ष को जागृत करने के लिए“ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का उच्चारण 108 बार करे
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने लाभ
जो जातक अपने लक्ष को प्राप्त करने में असमर्थ होते है तथा उनके अंदर साहस की कमी होती है, मनोबल हमेशा गिरता है ऐसे लोगों को एकमुखी रुद्राक्ष को पहनना उचित होता है। इसके धारण करने से जातक चिंतामुक्त और साहसी, निडर हो जाता है। शत्रु भय से मुक्त हो जाता है। यह रुद्राक्ष मनोबल को बढाता है।
एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और मन को शांति मिलती है। इस रुद्राक्ष के प्रभाव से मस्तिष्क में गलत भावनाएं उत्पन्न नहीं होती, व्यक्ति ईश्वर की शरण में जाता है, धार्मिक कार्य में रूचि बढ़ती है, जीवन सुखमय और आध्यात्म की ओर अग्रसर होता है।
इस रुद्राक्ष में धन को चुम्बक की तरह अपनी ओर खींचने का गुण है, जो जातक इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसे कामकाज में अच्छा धन-लाभ होता है। मान सम्मान के साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है। एक मुखी रुद्राक्ष में दैवीय शक्ति समाहित होती है जिनका लाभ मनुष्य को मिलता है। इसलिए बिना संकोच इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।
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