मंगल दोष क्या है?
मंगल दोष एक ज्योतिषीय ग्रह दोष है जो हिंदी ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष में उपयोग होता है। मंगल दोष को भी “कुज दोष” या “मांगलिक दोष” के रूप में जाना जाता है।
मंगल दोष का प्राथमिक कारण अग्रेषित मंगल ग्रह (मंगल) की स्थिति होती है, जिसके चलते जातक के विवाह योग्यता पर असर पड़ता है। मंगल दोष की वजह से कुछ लोगों को विवाह की समस्याएं या विवाह के बाद के जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंगल दोष के मुख्य प्रकार होते हैं:
- आदि मांगलिक दोष: जब आदि मांगलिक कुंडली में मंगल प्रथम भाव (लग्न भाव) में स्थित होता है, तब यह मांगलिक दोष कहलाता है। इसके कारण विवाह योग्यता और साथ ही पारिवारिक सम्बन्धों में समस्याएं हो सकती हैं।
- द्वादश भाव मांगलिक दोष: जब मंगल द्वादश भाव में स्थित होता है, तो इसे द्वादश भाव मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष भारतीय ज्योतिष में विवाह के लिए अविगत समय में आता है और इसे तब मान्यता प्राप्त होती है जब आदि मांगलिक दोष नहीं होता है।
मंगल दोष के उपाय भी उपलब्ध होते हैं जिनका ज्योतिषीय उपयोग किया जा सकता है। इनमें विवाह के लिए मांगलिक विवाह और अन्य ज्योतिषीय उपाय शामिल हो सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि ज्योतिष के माध्यम से दिए गए सूचनाएं धार्मिक और विश्वास पर आधारित होती हैं और उनकी सटीकता या वैधता को विवाद के लिए उठाया जा सकता है।
मंगल दोष के लक्षण
जब कुंडली में किसी ग्रह की स्थिति खराब होती है तो वह संकेत देना शुरू कर देते हैं जिन्हें पहचान कर आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इसी तरह मंगल ग्रह की स्थिति कुंडली में खराब होने पर वह कई तरह के संकेत देना शुरू कर देता हैं। जानिए इन लक्षणों के बारे में।
- मंगल की स्थिति खराब होने के कारण जातक को अधिक गुस्सा आता है। इसके साथ ही उसकी किसी भी अन्य व्यक्ति से जल्दी बनती नहीं है।
- जब मंगल कुंडली में द्वादश भाव में होता है तो व्यक्ति की विवाह में कई तरह की मुश्किल आती हैं।
- मंगल दोष के कारण संतान प्राप्ति में दिक्कत आने लगती हैं।
- कुंडली में मंगल दोष होने से बड़े भाई से किसी न किसी कारण लड़ाई होती रहती है।
- कुंडली में मंगल की स्थिति खराब होने से जातक को आंखों संबंधी समस्याओं के अलावा उच्च रक्तचाप, फोड़े-फुंसी, लीवर, किडनी संबंधी कई कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- मंगल दोष के कारण कोर्ट-कचहरी के मामलों में अधिक फंसे रहते हैं।
- मंगल दोष होने के कारण जातक को रक्त संबंधी किसी न किसी बीमारी का सामना करना पड़ता है
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