गुरू को मजबूत बनाने एवं शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इससे बृहस्पति ग्रह की अशुभता दूर होती है। विष्णु जी की पूजा में पीले पुष्प और पीले मिष्ठान का प्रयोग करना चाहिए।
बृहस्पति देव की कृपा पाने और कुंडली में उन्हें बली बनाने के लिए केले की जड़ या हल्दी की गांठ को पीले कपड़े में सिलकर दाहिनी भुजा या गले में लॉकेट बनाकर पहनें. केले की जड़, हल्दी की गांठ को पूजा करके गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के दिन सूर्योदय से सुबह 11 बजे के भीतर धारण करें. देवगुरु बृहस्पति का यह अत्यंत ही प्रभावी उपाय है.
बृहस्पति की कृपा पाने के लिए आप उनका रत्न यानी पुखराज (Topaz) धारण कर सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार, इन शक्तिशाली रत्नों के माध्यम से ग्रहों की अशुभता को बहुत हद तक दूर किया जा सकता है या फिर कहें कि उनके असर को कम किया जा सकता है. गुरु यानि बृहस्पति को बलवान बनाने के लिए पुखराज रत्न धारण करना अत्यंत शुभ होता है. इस रत्न को धारण करने से पहले एक बार किसी योग्य ज्योतिष से इसके भार एवं धारण करने की शुभ तिथि अवश्य जान लें
ज्योतिष के अनुसार वैवाहिक जीवन के लिए गुरु ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी संपन्नता के प्रतीक हैं। वैवाहिक जीवन में सुखी और समृद्धि बनी रहे तो इसके लिए गुरुवार के दिन विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा करें। बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखना बहुत ही फलदायी होता है।
बृहस्पति देव की कृपा पाने और कुंडली में उन्हें बली बनाने के लिए केले की जड़ या हल्दी की गांठ को पीले कपड़े में सिलकर दाहिनी भुजा या गले में लॉकेट बनाकर पहनें. केले की जड़, हल्दी की गांठ को पूजा करके गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के दिन सूर्योदय से सुबह 11 बजे के भीतर धारण करें. देवगुरु बृहस्पति का यह अत्यंत ही प्रभावी उपाय है.
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