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एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम तथा लाभ

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Written by Mayavi Guruji

एकमुखी रुद्राक्ष का महत्व

रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। इसमें विभिन्न मुखों (फेस) वाले रुद्राक्ष होते हैं, जिनमें एकमुखी रुद्राक्ष (Ek Mukhi Rudraksha) सबसे दुर्लभ और शक्तिशाली होता है। इसे भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को असीम आध्यात्मिक एवं भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं।


एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम

1. शुद्धता एवं सफाई का ध्यान रखें

  • एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे गंगा जल या कच्चे दूध से शुद्ध करना आवश्यक है।

  • इसे धारण करने से पहले व्यक्ति को स्वयं स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।

  • इस रुद्राक्ष को कभी भी अशुद्ध स्थानों (जैसे शौचालय, कब्रिस्तान, आदि) में नहीं रखना चाहिए।

2. सही दिन और समय पर धारण करें

  • सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, इसलिए एकमुखी रुद्राक्ष को सोमवार को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।

  • इसे प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त (4:00 AM – 6:00 AM) या किसी शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए।

3. मंत्र जाप के साथ धारण करें

  • एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले ॐ नमः शिवाय या ॐ ह्रीं नमः मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

  • यदि संभव हो तो शिवलिंग पर जल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

4. धारण करने की विधि

  • एकमुखी रुद्राक्ष को सोने, चांदी, तांबे या पंचधातु में लटकाकर गले या दाहिने हाथ की कलाई में धारण कर सकते हैं।

  • इसे धागे में पहनना हो तो लाल, पीला या सफेद धागा सबसे उत्तम होता है।

5. क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:
✔ एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद संयमित जीवन व्यतीत करें।
✔ भगवान शिव की नियमित पूजा करें।
✔ सात्विक आहार और विचारों का पालन करें।
✔ इसे पूजा स्थल या अपने तकिए के पास रखें जब इसे न पहनें।

क्या न करें:
✖ मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोगों को इसे नहीं पहनना चाहिए।
✖ रुद्राक्ष को धारण करते समय झूठ बोलने या किसी को हानि पहुंचाने से बचें।
✖ इसे पहनकर श्मशान घाट, अंतिम संस्कार स्थल, या किसी अशुद्ध स्थान पर न जाएं।
✖ सोते समय इसे उतार देना चाहिए, खासकर जब पति-पत्नी एक साथ हों।


एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

1. आध्यात्मिक लाभ

  • यह रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, जिससे व्यक्ति को आत्मज्ञान प्राप्त होता है।

  • ध्यान और साधना में मदद करता है तथा मानसिक शांति प्रदान करता है।

  • व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति की दिशा में अग्रसर करता है।

2. मानसिक और शारीरिक लाभ

  • इसे धारण करने से तनाव, चिंता और मानसिक विकार दूर होते हैं।

  • मस्तिष्क की एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

  • अनिद्रा (Insomnia) जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

  • उच्च रक्तचाप (High BP) और हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।

3. आर्थिक एवं व्यावसायिक लाभ

  • यह रुद्राक्ष धन, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक है।

  • व्यापारियों और उद्यमियों के लिए यह बेहद शुभ माना जाता है।

  • नौकरी और व्यवसाय में सफलता पाने में मदद करता है।

4. सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

  • इसे पहनने से व्यक्ति के चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र बनता है।

  • यह नकारात्मक शक्तियों, बुरी नजर और बुरी आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

5. कुंडली दोष एवं ग्रह शांति

  • एकमुखी रुद्राक्ष राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

  • यदि किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर हो, तो यह उसे मजबूत करने में सहायक होता है।

  • यह कालसर्प दोष और पित्र दोष के निवारण में भी मदद करता है।


कौन-कौन इसे धारण कर सकते हैं?

  • संत, साधु और योगी

  • व्यापारी, बिजनेसमैन और नौकरीपेशा लोग

  • विद्यार्थी, जिनकी एकाग्रता कमजोर हो

  • वे लोग जो मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहे हैं

  • जो लोग आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं


निष्कर्ष

एकमुखी रुद्राक्ष अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य रुद्राक्ष है, जिसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन, स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति आती है। लेकिन इसे सही नियमों का पालन करके ही धारण करना चाहिए, तभी इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त होता है। यदि इसे विधिपूर्वक धारण किया जाए, तो यह न केवल भौतिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को उन्नति की ओर ले जाता है।

जय भोलेनाथ! हर हर महादेव! 🚩

 

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