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कार्तिक मास में सरल उपाय से प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी

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Written by Mayavi Guruji

कार्तिक मास में करें यमुना स्नान

कार्तिक के महीने में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर यमुना स्नान करने का धार्मिक महत्व है. ऐसे में कार्तिक मास में यदि संभव हो तो यमुना नदी में स्नान करें अथवा अपने घर में ही यमुना नदी का ध्यान करते हुए प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें और उसके बाद विशेष रूप से तुलसी जी का पूजन शुद्ध घी का दीपक जलाकर करें.

कार्तिक माह के दान

कलयुग में दान को सभी पापों से मुक्ति का सबसे बड़ा माध्यम माना गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक मास में कुछ चीजों का दान करने पर व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. कार्तिक मास में तुलसी, अन्न, आंवले का पौधा, गोदान आदि का बहुत ज्यादा महत्व है.

कार्तिक मास में करें दीपदान

कार्तिक मास में तमाम तरह के दान के साथ व्यक्ति को विशेष रूप से दीपदान करना चाहिए. मान्यता है कि यदि कार्तिक मास में यमुना अथवा किसी पवित्र नदी, तुलसी, या देवस्थान पर श्रद्धा के साथ दान करने का बहुत ज्यादा महत्व है. मान्यता है कि यदि पूरे मास कोई व्यक्ति दीपदान करता है तो उसकी बड़ी से बड़ी कामना पूरी होती है. दीपदान की यह पूजा शरद पूर्णिमा से प्रारंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा तक की जाती है.

कार्तिक में भजन 

कार्तिक माह में श्रद्धालु मंदिरों में भजन करते हैं. अपने घरों में भी भजन करवाते हैं. आजकल यह कार्य भजन मंडली द्वारा किये जाते हैं. इन दिनों रामायण पाठ, भगवत गीता पाठ आदि का भी बहुत महत्व होता हैं. इन दिनों खासतौर पर विष्णु एवम कृष्ण भक्ति की जाती हैं. इसलिए गुजरात में कार्तिक माह में अधिक रौनक दिखाई पड़ती हैं.

कार्तिक मास में जरूर करें ये शुभ कार्य
कार्तिक के महीने में परमपावनी गंगा नदी में डुबकी लगाना बहुत ही अच्‍छा माना गया है। अगर आप गंगा में स्‍नान नहीं कर सकते तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्‍नान कर सकते हैं।

कार्तिक के महीने में पूरे 30 दिन तुलसी के नीचे घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। अगर आप लगातार इतने दिन दीपक जलाने में असमर्थ हैं तो देवोत्‍थान एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक कम से कम 5 दिन दीपक जरूर जलाएं। तुलसी के पूजा करने पर मां लक्ष्‍मी के साथ-साथ कुबेरजी की कृपा भी प्राप्‍त होती है।
कार्तिक के महीने में भगवान विष्‍णु का स्‍मरण करते हुए शाम के वक्‍त पूजा के स्‍थान में तिल के तेल का दीपक जलाकर रखें। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार भगवान विष्‍णु ने स्‍वयं कुबेरजी से कहा के कार्तिक मास में जो मेरी उपासना करे उसे कभी धन की कमी मत होने देना।

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