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कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

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Written by Mayavi Guruji

हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी महत्व है. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मान्यता है कि अगर निसंतान दंपति जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, तो बहुत जल्द ही उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है. जन्माष्टमी के व्रत को अगर पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है, तो व्रत करने वाले की मनोकामना जरूर पूरी होती है. अगर भक्त पालने में भगवान को झुला दें, तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में होने के कारण इसको कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी के निर्धारण में रोहिणी नक्षत्र का बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं

ज्योतिष के अनुसार भी इस दिन का खास महत्व होता है. कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिती में होता है, उनके लिए ये व्रत बहुत लाभकारी होता है. अविवाहित लड़कियों के लिए भी इस व्रत का खास महत्व है. अगर उनके विवाह में कोई अड़चन आ रही हो तो वे भी लड्डू गोपाल के लिए व्रत रखकर झुला झुलाती हैं. इससे उनके विवाह का संयोग जल्दी बन जाता है. 

 

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