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मकर संक्रांति पर करना न भूलें ये उपाय,

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Written by Mayavi Guruji

मकर संक्रांति

यह पर्व सभी भारतीय राज्यों में मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है, लेकिन कुछ स्थानों पर इसे और भी नामों से जाना जाता है, जैसे माघी बिहु, उत्तरायण, खिचड़ी, तिल संक्रांति आदि।

मकर संक्रांति का त्योहार मकर राशि (कपट या मकर राशि) में सूर्य के प्रवेश के दिन मनाया जाता है। इसे हमारे हिन्दू कैलेंडर में जनवरी या फरवरी महीने के मध्य में मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में पहुंचता है।

मकर संक्रांति एक सामरिक और कृषि संबंधित पर्व है जिसे हमेशा से ही बड़े धूमधाम और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग पूजा, ध्यान, दान, और यात्राएँ करते हैं। कई स्थानों पर लोग इसे विशेष रूप से कुंभ मेले के रूप में मनाते हैं, जिसमें वे स्नान करते हैं और तीर्थ-यात्रा पर जाते हैं।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी, तिल के लड्डू, घी, चावल, और गुड़ आदि विशेष प्रकार के आहार तैयार किए जाते हैं और लोग इन्हें खाकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं। यह पर्व आमतौर पर परिवार और मित्रों के साथ मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को तिल और गुड़ का चढ़ावा देते हैं, जिसे “तिल-गुड़ खाना” कहा जाता है।

मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण और प्रमुख पर्व है जो एकता, सद्भावना और समरसता की भावना को दर्शाता है।

मकर संक्रांति के दिन महापुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजकर 06 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 को मनाई जाएगी।

 

मकर संक्रांति पर करें ये उपाय

  • अगर आप पितरों की कृपा पाना चाहते हैं तो इसके लिए तांबे के लोटे में काले तिल भरकर उस पर सोने का दाना रखकर ब्राह्मण को दान करें। ऐस करने से कुंडली का व्यतिपात दोष दूर होता है।
  • आर्थिक प्रग्रति और मांगलिक कार्यो में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं। साथ ही देव, ऋषि व पितृ की कृपा चाहते हैं तो किसी तीर्थ स्थान पर जारक तिल से तर्पण करना चाहिए।
  • अगर आप पितृ ऋण से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए संक्रांति पर तिल के तेल व तिल्ली के उबटन से स्नान करना चाहिए। इसके अलावा पानी में काले व सफेद तिल डालकर स्नान करने से भी ऐसा माना जाता है कि पितृ ऋण समाप्त होते हैं।
  • यदि आप भगवान की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो आपको मकर संक्रांति के दिन सफेद और काले तिल से हवन करना चाहिए। इसी के साथ इस दिन भोजन में भी तिल का उपयोग जरूर करना चाहिए।
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