मंगल देव की कृपा पाने के लिए उनका व्रत एक बहुत कारगर उपाय है। मंगल देव की शुभता पाने के लिए कम से कम 21 या 45 मंगलवार व्रत रखना चाहिए। साथ ही ‘ॐ अं अंगारकाय नमः’ की 3, 5, या 7 माला जप करना चाहिए।
ध्यान रहे कि इस व्रत में नमक का प्रयोग बिल्कुल न करें। मंगल देव के इस व्रत से कर्ज से मुक्ति और संतान का सुख प्राप्त होता है।
मंगल ग्रह की शुभता पाने के लिए श्री हनुमान जी की साधना सर्वोत्तम उपाय है. यदि मंगल दोष के कारण आपको जीवन में तमाम तरह की परेशानियों को झेलना पड़ रहा है तो उससे बचने के लिए आपको संकटमोचक श्री हनुमान जी की साधना-आराधना करनी चाहिए.
ज्योतिष में किसी भी ग्रह की शुभता को पाने के लिए दान की तरह स्नान को भी एक अच्छा उपाय बताया गया है. मंगल ग्रह की शुभता को पाने के लिए कम से कम आठ मंगलवार तक पानी में बेलफल, जटामांसी, मूसली, बकुलचन्दन, बला, लाख, पुष्प एवं हिंगूल मिलाकर स्नान करें.
यदि आप अपने छोटे भाई और बहन का खयाल रखते हैं, समय पर उनकी मदद करते हैं, तो इससे भी मंगल ग्रह मजबूत होता है
आप मूंगा, गेहूं, मसूर दाल, लाल बैल, कनेर का फूल, गुड़, लाल कपड़ा, तांबा, सोना, लाल चंदन आदि का दान करते हैं, तो इससे भी मंगल ग्रह मजबूत होता है. मंगल दोष से मुक्ति मिलती है.
हिंदू धर्म में किसी भी देवता या फिर ग्रह की कृपा पाने के लिए दान को अत्यधिक प्रभावी उपाय बताया गया है. ऐसे में मंगल ग्रह की शुभता को पाने और उससे जुड़े दोष को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन अपने सामर्थ्य अनुसार लाल मसूर की दाल, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, ताम्बा, लाल चंदन, लाल पुष्प और लाल रंग की मिठाई जरूर दान करें.
मंगल ग्रह की शुभता पाने के लिए श्री हनुमान जी की साधना सर्वोत्तम उपाय है. यदि मंगल दोष के कारण आपको जीवन में तमाम तरह की परेशानियों को झेलना पड़ रहा है तो उससे बचने के लिए आपको संकटमोचक श्री हनुमान जी की साधना-आराधना करनी चाहिए
मंगल दान करें: मंगल ग्रह की शुभता के लिए दान करना आवश्यक होता है। आप लाल रंग के कपड़े, मसूर दाल, गुलाब का तेल, लोहे का नाग या एक तांबा के आभूषण दान कर सकते हैं।
मंगल मंत्र का जाप: मंगल मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मंगल ग्रह की कृपा मिलती है। “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” यह मंत्र मंगल की आराधना करता है।
आप इस मंत्र को दैनिक या साप्ताहिक रूप से जाप कर सकते हैं।
मंगल व्रत: मंगल ग्रह की शक्ति को प्राप्त करने के लिए मंगल व्रत रखें। इसके दौरान आप मंगलवार को उपवास रख सकते हैं और मंगल देवता की पूजा एवं आराधना कर सकते हैं।
मंगल कवच पाठ: मंगल कवच का पाठ करने से मंगल ग्रह की आराधना होती है और व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से पाठ करें और मंगल ग्रह की कृपा को प्राप्त करें।
मंगल यंत्र: मंगल यंत्र को अपने घर या पूजा स्थान में स्थापित करें। यह यंत्र मंगल ग्रह की शक्ति को संरक्षित करने में मदद करता है और उसके दुष्प्रभावों से बचाता है।
मंगल ग्रह के मंत्र के बीज: “अंगारकाय नमः” यह मंत्र मंगल ग्रह की शक्ति को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसे नियमित रूप से जाप करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है।
आर्द्रा नक्षत्र में पूजा: मंगल ग्रह की आराधना के लिए आर्द्रा नक्षत्र के दिन या उसकी तिथि पर पूजा करें। आप इस दिन भगवान मंगल की प्रतिमा की पूजा कर सकते हैं और उन्हें सुपार्शद आहार और वस्त्र दान कर सकते हैं।
मंगल को उपास्य ग्रह बनाएं: मंगल ग्रह को उपास्य ग्रह बनाने के लिए अपने मन में उनकी आराधना करें। इसके लिए मंगल की मूर्ति या फोटो को अपने पूजा स्थान में स्थापित करें और नियमित रूप से पूजा करें।
शिव मंगल स्तोत्र: शिव मंगल स्तोत्र का पाठ करने से मंगल ग्रह की कृपा मिलती है। आप इसे नियमित रूप से पढ़ सकते हैं और मंगल ग्रह को मजबूत कर सकते हैं।
योगाभ्यास और तांत्रिक उपाय: योग और ध्यान करना, मंत्र जाप करना, प्राणायाम करना और तांत्रिक उपाय करना मंगल ग्रह को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इन उपायों को एक अनुभवित योग गुरु या ज्योतिषी के मार्गदर्शन में करें।
कृपया ध्यान दें कि ये उपाय ज्योतिषीय शास्त्र के अनुसार हैं और आपको अपने ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए, जो आपके व्यक्तिगत संदर्भों पर आधारित उपाय सुझा सकते हैं।
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