इस वर्ष 2021 में शारदीय नवरात्रि 07 अक्टूबर दिन गुरुवार से चित्रा नक्षत्र, वैधृति योग में प्रारम्भ हो रही है। यह नवरात्रि प्रकृति शक्ति एवं ऊर्जा का संचार करने वाला पवित्र पक्ष माना जाता है। 07 अक्टूबर को दिन में 03 बजकर 28 मिनट तक आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि रहेगी। अतः शाम को द्वितीया का चन्द्र-दर्शन तुला राशि में होगा। चन्द्रमा अपनी उच्च राशि में होने के वजह वृष एवं तुला राशि वालों के लिए अति फलदायक रहेगा।
पूजा की सामग्री : नवरात्रि के लिए पूजा सामग्री पहले से ही तैयार कर लें। लाल चुनरी, दीपक, घी, धूप, नारियल, फूल, पान, सुपारी, लौंग, मौली , इलायची, मिसरी, कपूर, आदि की खरीदारी कर लें। भोग के लिए सभी फलों का इंतजाम भी कर लें।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त : कलश स्थापना कर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले ही दिन सुबह कलश स्थापना का मुहूर्त बनता है। इस बार ये मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 6:17 बजे से शुरू होगा। कलश स्थापना 7:7 बजे तक की जा सकती है।
पूजा-विधि
- सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां की आरती करें।
- मां को भोग भी लगाएं।
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