जन्माष्टमी 2022 की सही तिथि
- भाद्र कृष्ण अष्टमी 18 अगस्त को शाम 9 बजकर 21 से
- भाद्र कृष्ण अष्टमी समाप्त 19 अगस्त रात 10 बजकर 59
- निशीाथ काल 18 अगस्त 12 बजकर 3 से 12 बजकर 47 तक
- जन्माष्टमी व्रत गृहस्थ 18 अगस्त
- जन्माष्टमी व्रत वैष्णव 19 अगस्त
- जन्माष्टमी 2022 पर बने हैं ये शुभ योग
इस साल जन्माष्टमी और भी खास इसलिए है क्योंकि जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लगा है। इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा, जो कि दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। जन्माष्टमी पर ध्रुव योग भी बना है जो कि 18 अगस्त को 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त को रात 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। वहीं वृद्धि योग 17 अगस्त को दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से आरंभ होकर 18 अगस्त को 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। माना जा रहा है कि जन्माष्टमी पर वृद्धि योग में पूजा करने से आपके घर की सुख संपत्ति में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी का वास होता हे।
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जन्माष्टमी व्रत रखने के बड़े लाभ
हिंदू धर्म ग्रंथों में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव वाले दिन रखे जाने वाले व्रत की अपार महिमा बताई गई है, जिसे विधि-विधान से करने पर व्यक्ति की सभी कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. मान्यता है कि जन्माष्टमी के व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार यह व्रत व्यक्ति को अकाल मृत्यु और पाप कर्मों से बचाते हुए मोक्ष प्रदान करता है. जन्माष्टमी का व्रत करने पर व्यक्ति को हजार एकादशी के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है.
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